भूतिया खिलौने की दुकान
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भाग 1: रहस्यमयी दुकान
छोटे से शहर में एक पुरानी, जर्जर सी दुकान थी—"शर्मा जी की खिलौने की दुकान"। इस दुकान के बारे में कई अजीब बातें कही जाती थीं। कुछ लोग कहते कि वहाँ के खिलौने रात में खुद-ब-खुद हिलते हैं, तो कुछ कहते कि वहाँ से बच्चों के रोने की आवाज़ें आती हैं। लेकिन इन कहानियों को सिर्फ अफ़वाह माना जाता था।
एक दिन, तीन दोस्त—आदित्य, रोहन और माया—ने ठान लिया कि वे इस दुकान का सच पता लगाएंगे।
भाग 2: दुकान के अंदर
रात के दस बजे, जब पूरा शहर सो रहा था, तीनों बच्चे दुकान के पास पहुँचे। दरवाजा हल्का सा खुला था। वे चुपचाप अंदर घुस गए। दुकान के अंदर हर जगह पुराने खिलौने बिखरे हुए थे—गुड़िया, टेडी बियर, रोबोट, गाड़ियाँ, और भी बहुत कुछ। लेकिन सबसे डरावनी चीज़ थी—दीवार पर लगी पुरानी तस्वीरें, जिनमें बच्चों की आँखें असली लग रही थीं।
अचानक, माया की नज़र एक लकड़ी की गुड़िया पर पड़ी, जो खुद-ब-खुद हिल रही थी!
भाग 3: भूतिया खिलौने
"ये... ये गुड़िया हिल कैसे रही है?" माया ने डरते हुए पूछा।
रोहन ने गुड़िया को उठाने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही उसने उसे छुआ, पूरी दुकान की बत्तियाँ झपकने लगीं। खिलौनों से अजीब आवाज़ें आने लगीं, और टेडी बियर की आँखों से लाल रोशनी निकलने लगी।
आदित्य ने घबराकर कहा, "हमें यहाँ से भागना चाहिए!"
लेकिन तभी, एक डरावनी हंसी गूँज उठी। "अब तुम यहाँ से नहीं जा सकते!"
भाग 4: डरावना सच
एक परछाई दुकान के कोने से निकली। वह एक बूढ़ा आदमी था, जिसका चेहरा आधा जला हुआ था। उसने कहा, "तुम्हें यह दुकान बहुत पसंद आई, है ना?"
बच्चे कांप रहे थे।
"मैं शर्मा जी हूँ। मैंने इन खिलौनों में आत्माएँ कैद कर रखी हैं। अब तुम भी इन्हीं में बदलने वाले हो!"
भाग 5: भागने की कोशिश
आदित्य ने जल्दी से अपनी जेब से एक माचिस निकाली, जो वह स्कूल प्रोजेक्ट के लिए लाया था। उसने एक खिलौने में आग लगा दी। जैसे ही आग भड़की, खिलौने चीखने लगे। पूरी दुकान हिलने लगी।
"नहीं! यह क्या कर दिया?" शर्मा जी चिल्लाए।
बच्चे भागते हुए दुकान के बाहर निकले। जैसे ही वे बाहर आए, दुकान की दीवारें गिरने लगीं और पूरी दुकान जलकर राख हो गई।
भाग 6: रहस्य अभी भी ज़िंदा है
तीनों दोस्त बच गए, लेकिन जब उन्होंने मुड़कर राख के ढेर को देखा, तो वहाँ वही लकड़ी की गुड़िया बैठी थी—उनकी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी।
क्या सच में दुकान जल गई
थी, या वह श्राप अभी भी ज़िंदा था?
आगे जानने के लिए देखते रहिए भूतिया खिलौने की दुकान
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