शुरुआत: दो सच्चे दोस्त किसी छोटे से गाँव में दो घनिष्ठ मित्र, रोहित और अजय, रहते थे। दोनों की दोस्ती बचपन से थी और वे हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहते थे। दोनों का सपना था कि वे पढ़-लिखकर अपने गाँव का नाम रोशन करें, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। रोहित के माता-पिता किसान थे और अजय के माता-पिता एक छोटी सी दुकान चलाते थे। दोनों को अपने परिवार के कामों में भी मदद करनी पड़ती थी, जिससे उनकी पढ़ाई पर असर पड़ता था। लेकिन उनके मन में कभी हार मानने का विचार नहीं आया। शिक्षा के प्रति संकल्प रोहित और अजय को पढ़ाई का बहुत शौक था, लेकिन किताबें खरीदने के पैसे नहीं थे। उनके गाँव में एक सरकारी स्कूल था, जहाँ वे पढ़ते थे। स्कूल में पढ़ाई अच्छी थी, लेकिन संसाधनों की कमी थी। एक दिन, स्कूल में घोषणा हुई कि जिला स्तर पर एक परीक्षा होने वाली है, जिसमें जो भी बच्चा प्रथम आएगा, उसे शहर के एक बड़े स्कूल में मुफ्त में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। यह सुनकर दोनों बहुत उत्साहित हुए, लेकिन उनके पास तैयारी के लिए ज़रूरी किताबें और सामग्री नहीं थी। मेहनत की राह दोनों ने तय किया कि वे अपनी सीमाओं के बावजू...
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