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शापित शहर – एपिसोड 7: निर्माता कौन है?

 


पिछले एपिसोड में:

अर्णव, विराट और रिया को पता चला कि इस शापित खेल से बाहर निकलने का एक ही तरीका है—उन्हें खेल के असली निर्माता की पहचान करनी होगी।

लेकिन जैसे ही वे सच्चाई के करीब पहुँचे, घड़ी ने चेतावनी दी—केवल 5 मिनट शेष।

अब, वे या तो खेल से बाहर निकलेंगे... या हमेशा के लिए इसका हिस्सा बन जाएँगे।


अध्याय 1: अंतिम समय की गिनती

घड़ी पर नज़र पड़ी—

00:04:59
00:04:58
00:04:57

"हमें जल्दी करनी होगी!" रिया ने कहा।

विराट ने किताब के पन्ने पलटे। "यहाँ कुछ नाम लिखा है, लेकिन सब धुंधले हैं।"

अर्णव ने गहरी साँस ली। "अगर यह खेल किसी ने बनाया है, तो वो यहीं कहीं होगा। हमें उसे ढूँढना होगा।"

बूढ़े ने धीरे से कहा, "निर्माता को बुलाने का सिर्फ़ एक तरीका है—तुम्हें खेल में सबसे बड़ा जोखिम उठाना होगा।"

"क्या मतलब?" विराट ने पूछा।

बूढ़े ने आँखें बंद कीं और फुसफुसाया—"तुममें से किसी एक को... मरना होगा।"


अध्याय 2: बलिदान का द्वार

कमरे में सन्नाटा छा गया।

"यह मज़ाक है, है ना?" अर्णव ने गुस्से से कहा।

बूढ़ा सिर हिलाकर बोला, "हर खेल में एक कीमत होती है। इस खेल को तोड़ने के लिए, किसी एक को इसे पूरी तरह अपनाना होगा।"

"मतलब?" रिया ने दबे स्वर में पूछा।

बूढ़े ने दरवाजे की ओर इशारा किया। "वह देखो।"

दरवाजे के बाहर—एक विशाल घड़ी हवा में झूल रही थी। उसके नीचे तीन पेडस्टल बने थे, जिन पर तीनों के नाम लिखे थे।

"जिसने यह खेल बनाया, वह तभी प्रकट होगा जब तुममें से कोई एक इस शहर के साथ जुड़ने का चुनाव करेगा।"


अध्याय 3: कौन होगा बलिदान?

घड़ी की सुइयाँ और तेज़ी से घूमने लगीं।

"हमें कोई और रास्ता निकालना होगा!" अर्णव ने कहा।

"लेकिन अगर कोई नहीं गया, तो?" विराट ने सवाल किया।

रिया ने किताब के आखिरी पन्ने को ध्यान से देखा। वहाँ कुछ लिखा था—

"निर्माता को पहचानने के लिए, खिलाड़ी को खेल में विलीन होना होगा।"

"मतलब?" रिया ने धीरे से कहा, "अगर हममें से कोई खेल का हिस्सा बन जाए, तो शायद हम असली निर्माता से मिल सकते हैं।"

"पर इसका मतलब है कि हम उसे हमेशा के लिए खो देंगे!" विराट ने गुस्से से कहा।

"तो क्या करें?" अर्णव ने कहा। "समय खत्म हो रहा है!"

घड़ी पर नजर पड़ी—

00:01:00


अध्याय 4: निर्मात का प्रकट होना

रिया ने गहरी साँस ली।

"मैं जाऊँगी।"

"नहीं!" अर्णव और विराट ने एक साथ कहा।

"यह हमारा आखिरी मौका है। अगर हम इसे मिस कर देते हैं, तो हम हमेशा के लिए यहाँ फँस जाएँगे।"

रिया ने पेडस्टल की ओर कदम बढ़ाए।

00:00:30

अचानक, पूरे शहर में ज़मीन हिलने लगी। हवा में एक ज़ोरदार गूंज उठी—

"चयन किया गया। खेल की अंतिम सतह अनलॉक हो रही है।"

रिया के चारों ओर काले धुएँ की एक लहर उठी और वह हवा में लहराने लगी।

"रिया!" अर्णव ने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन एक अदृश्य ताकत ने उसे पीछे धकेल दिया।

रिया की आँखें सफ़ेद हो गईं। उसकी आवाज़ बदल गई।

"निर्माता प्रकट हो चुका है।"


अध्याय 5: असली चेहरा

अर्णव और विराट के सामने रिया अब कोई और थी।

उसकी आँखों में हजारों आकृतियाँ दिख रही थीं। उसका चेहरा बदलता जा रहा था—मानो वह किसी और का अक्स ले रही हो।

और फिर, उसने अपनी असली आवाज़ में कहा—

"तुम अब खेल से बाहर नहीं जा सकते।"

"रिया...?" अर्णव ने घबराकर कहा।

"रिया अब नहीं रही," वह हँसी।

"अब, मैं हूँ... इस खेल की निर्माता।"


(अगला एपिसोड: क्या यह खेल कभी खत्म होगा?)

क्या अर्णव और विराट अब इस खेल से बाहर निकल सकते हैं? या वे हमेशा के लिए इस खेल का हिस्सा बन जाएँगे? 

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